Chhattisgarh - journey of development in hindi

 



Article -

छत्तीसगढ़ राज्योत्सव - विकास यात्रा के सम्बन्ध में

रुपरेखा -

  1. प्रस्तावना
  2. राज्य के निर्माण
  3. विकास यात्रा


1. प्रस्तावना  - हमारे देश  में उत्सवों की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है उत्सव से मनोरंजन  तो होता ही है, एक प्रकार की नवीनता भी आती है | हमारे देश में धार्मिक, राष्ट्रीय सामाजिक उत्सव का आयोजन होता रहता है  होली दीपावली स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस के साथ-साथ महिला, बाल -  दिवस तथा श्रमिक दिवस तक भी  मनाया जाता है।  छत्तीसगढ़ राज्य में  राज्य  उत्सव  मनाने की परंपरा तो सदियों से चली आ रही है |



       राज्य उत्सव का तात्पर्य राज्य के उत्सव  से संबंधित है | छत्तीसगढ़ राज्य सन  2000 के पूर्व मध्य प्रदेश से संयुक्त  था | छत्तीसगढ़ का अर्थ है ३६ गढ़ का अर्थ शाही किला |वह क्षेत्र जो  36 किलो से घिरा हुआ हो, उसे  छत्तीसगढ़ के नाम से जाना जाता है,  उत्तर में  भोरमगढ़  दक्षिण  मैं भैरमगढ़, पूर्व में राजीव गढ़ तो  पश्चिम में खैरागढ़, चारों दिशाओं के प्रत्येक दिशा में ९-९  गढ़ है  जिसे  कारण यह राज्य  छत्तीसगढ़ कहलाता है गढ़ का हिंदी अर्थ  गढ़ना है चिंतन मनन करना | यहां के निवासी चिंतनशील भी है आत्म चिंतन आत्ममंथन करके शांति प्राप्त करना यहां के वासियों का मुख्य उद्देश्य |


2.राज्य के निर्माण - छत्तीसगढ़ राज्य पूर्व में मध्य प्रदेश राज्य में था | 1 नवंबर सन 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण हुआ | किस राज्य में प्रथम राज्यपाल  श्री दिनेश नंदन सहाय थे  इस राज्य के  प्रथम मुख्यमंत्री  के रूप में माननीय श्री अजीत प्रमोद जोगी प्रतिष्ठित 31 अक्टूबर 2000  की  मध्य  रात्रि में छत्तीसगढ़  राज्य अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आया | विशाल भौगोलिक क्षेत्र वाला  यह  प्रदेश भारत का सबसे अधिक क्षेत्रफल वाला  प्रदेशों में से एक है। जिसके कारण  अन्य राज्यों की तुलना में क्षेत्र का विकास  मंद गति से चल रहा है | हमारे राज्य में समस्त कार्य संपादन का स्थल  भोपाल था | हमारे राज्य की  शैक्षणिक, आर्थिक, राजनीतिक प्रशासनिक एवं अन्य समस्त गतिविधिया  निष्क्रिय हो गई थी | नवंबर 2000  से इस राज्य  के नव  निर्माण पर राज्य की सारी जनता खुशी से झूम उठी थी | यह दिन राज्य के अद्भुत  एवं ऐतिहासिक रहा | जिस का रावण का वध  पर भारतीय जनता उत्सव मनाते हैं श्री रामचंद्र जी के अयोध्या वापस आने पर  दीपावली पर्व मनाते हैं अंग्रेजी सत्ता से मुक्त होकर 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस संपूर्ण में भारत मनाते हैं | उसी प्रकार  1 नवंबर 2000 से स्वतंत्र अस्तित्व पाने की खुशी में संपूर्ण छत्तीसगढ़ में राज्य से धूम धाम से मनाया जाता है | 


3. विकास यात्रा - छत्तीसगढ़ राज्य आंध्र, उड़ीसा, बिहार, महाराष्ट्र राज्य से लगा हुआ है |  इसका क्षेत्रफल 135133 वर्ग किलोमीटर है इस राज्य में 3 संभाग है रायपुर बिलासपुर और बस्तर अरे मैं आज 16 जिलों का राज्य था | उसके बाद सन 2006 से 2007 नितिन 25 जिलों का गठन किया गया दंतेवाड़ा बीजापुर नारायणपुर का याद आज 18 जिलों का राज्य बन गया तत्पश्चात 9 और अन्य राज्यों का  गठन किया गया  जिससे  वर्तमान में  27 जिलों का राज्य है | यहां के अधिकतर जनसंख्या गांव में निवास करती है रायपुर को  राजधानी बना देने से इस राज्य की  चारों दिशाओं की जनता का समस्या के निदान एक ही दिन में हो जाता है इस  राज्य के किसी भी दिशा  में रहने वाला व्यक्ति सुबह राजधानी पहुंचकर दिन भर अपने सामाजिक,  शैक्षिक, राजनीतिक, आर्थिक, प्रशासनिक, न्यायिक समस्याओं को सुलझाकर शाम को वापस लौट सकता है  राजधानी भोपाल तक पहुंचने में 2 दिन आना तथा 2 दिन जाने में लगता था एक दिन समस्या सुलझाने में लग जाता था यह संसद की अनुपस्थिति में  समय एवं शक्ति और धन का अपव्यय होता था | आज छत्तीसगढ़   हर नागरिक सीधे मुख्यमंत्री, राज्यपाल एवं अन्य प्रशासनिक  अमलो से  संपर्क कर अपने अपने समाज अपने ग्राम  की समस्याओं का त्वरित निवारण कर सकता 


     राज्य उत्सव यह कड़ी हर वर्ष हमारे सांस्कृतिक परंपराओं को मजबूती दे रही है |  राज्य का क्षेत्र राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने में सक्षम हो रही है शिक्षा क्षेत्र में तीन विश्वविद्यालय की स्थापना, इंजीनियरों, डॉक्टरों की भर्ती, योग्य युवक-युवतियों को रोजगार प्रदान करना, अनेक कंपनियों की स्थापना, अन्य राज्यों से सामीप्य, बड़ी-बड़ी हस्तियों का छत्तीसगढ़ में  पदार्पण  एवं स्वागत, खेल जगत में स्टेडियम  निर्माण, खेल प्रतिभाओं का सम्मान, यहां की कलाकृतियों, खनिज उपजों,  व्यंजनों कि विदेशों में   पूछ परख होना, यह सब राज्य उत्सव परिणाम स्वरूप होता है |


 यात्रा की सुविधा, कृषि विस्तार, बांध निर्माण,  खाद की बीच की नवीनता, जल संरक्षण, विद्युतीय सुविधा, धार्मिक स्थलों की सुरक्षा, वनों का विस्तार, पौधारोपण, सभी प्रकार की पदों में भर्ती,  लोक सेवा आयोग,  सतर्कता आयोग, हाई कोर्ट की स्थापना आदि सभी क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ राज्य अपने अलग से पहचान बना ली है | ग्राम सुराज अभियान  एक ऐसा  अभियान है जो यहां हर वर्ष चलाया जाता है | इसके माध्यम से छोटे कर्मचारी से लेकर कलेक्टर, सचिव एवं मुख्यमंत्री तक गांव - गांव जाकर  ग्राम समस्या के निदान करता है एवं जन को संतोष एवं शांति प्रदान करता है |  शांति जीवन जीने का अवसर देती है |


 आज छत्तीसगढ़ के गरीब जनता को दो रुपए किलो चावल एवं अंत में नवा प्रदान किया जा रहा है छत्तीसगढ़ राज्य बनने के पूर्व क्या इस प्रकार की सुविधा उपलब्ध होती नहीं थी |  प्रदेश की महिलाओं एवं बच्चों के विकास एवं कल्याण दिशा में ‘रेडी टू ईट’  जैसे महत्वपूर्ण कार्य का 100%  दायित्व  महिला स्व सहायता समूह को सौंपा गया | छत्तीसगढ़ महिला कोश  ऋण योजना के तहत महिला स्व सहायता समूह को स्वरोजगार मूलक गतिविधियों के लिए  6.5  प्रतिशत  ब्याज दर पर ₹50000 तक की ऋण राशि दी जा रही है | 6 जून 2009 से कुपोषण मुक्ति अभियान चलाया जा रहा है जिसके तहत 13600 कुपोषित बच्चों में  9 हजार  800 बच्चे  कुपोषण की श्रेणी  से बाहर आ गए हैं | कुपोषण मुक्ति पदयात्रा 2 फरवरी 2011 से 4 फरवरी 2011 तक ग्राम माकड़ी से कुंडागांव तक 40 किलोमीटर की यात्रा डॉ  रमन सिंह द्वारा किया गया  इसका प्रभाव जनमानस पर पड़ा | घरौंदा योजना छत्तीसगढ़ की अन्य योजनाएं जिसमें गरीब परिवार के लिए आवासीय सुविधा प्रदान की जाती है | गुमनाम कलाकारों को नाम अथवा उन्हें राष्ट्रीय मोर्चे पर खड़ा करने का मसला हो या अंतरराष्ट्रीय स्तर  के बड़े नामों को छत्तीसगढ़ के कोने कोने तक निमंत्रण देने का कार्य फनकारों से लेकर नहीं पीढ़ी तक के असंख्य  कलाकारों को इस प्रदेश में सुनने और समझने का मौका मिल रहा है | पुरखौती मुक्तागन जैसी नवाचारी परिकल्पना, जहां एक ही परिसर के भीतर इतना सब कुछ रहे कि देश-विदेश के पर्यटक जब इस इलाके में आए  तो वह पुरखौती मुक्तांगन  से समृद्ध होकर निकले नवगठित राज्य में अध्यात्मिक ध्वजा फहरे यह कोई सोच भी नहीं सकता था | राजिम कुंभ एक अध्यात्मिक  ध्वजा सर्वप्रथम छत्तीसगढ़ राज्य में फहराया गया |


  छत्तीसगढ़ की जनता आज  सभी क्षेत्रों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान रखती है | विकास की इस यात्रा में हर वर्ष हमराज उत्सव धूमधाम से मनाया जाते हैं |


 छत्तीसगढ़ के माटी में महक है, इस महा को हमेशा सुवासित रखने की हम संकल्पना ‘जय छत्तीसगढ़’ से करें |


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