Aatankwaad ki samasya aour uska solution
Article / निबंध -
आतंकवाद की समस्या
( दुनिया के लिए अभिशाप )
रुपरेखा -
- प्रस्तावना
- आतंकवाद का कारण
- आतंकी वारदात में सफलता क्यों
- आतंकवाद का उदेश्य
- भारत में आतंकवाद
- आतंकवाद को समाप्त करने का उपाय
- उपसंहार
1. प्रस्तावना - आतंक का अर्थ है भय | समाज को अपने बुरे कर्म से आतंकित करना आतंकवाद कहलाता है | यह एक ऐसी विचारधारा है, जिसका न कोई समाज है, न धर्म है | यह एक घृणित राष्ट्रद्रोह है, जिसे क्षमा नहीं किया जा सकता है | आतंकवाद समाज के लिए, देश के लिए और संसार के लिए एक खतरा है |
2. आतंकवाद का कारण - कुछ विदेशी शक्तियों भारत को कमजोर बनाना बनाने की चाह रखते है, इसी कारण वे भारत में आतंक को बढ़ावा देती रही है | आतंकवादियों को बाहर से हथियार भेजे जाते है | उनके प्रयोग से तोड़फोड़ की घटनाएं होती है | निर्दोष नागरिको की हत्या की जाति है, जिससे देश की अखंडता को खतरा उत्पन्न हो जाता है | इसका प्रभाव कश्मीर में दिखता है | आतंकवाद ऐसी अक्रोश भावना के कारण उत्पन्न होता है जो सरकार के खिलाफ होता है | कुछ शक्तिशाली संगठन जो किसी राष्ट्र के उन्नति नहीं देख वो देश के विकास एवं उसको कमजोर बनाने के लिए आतंकवाद की भावना निर्मित करते है | आतंकवाद संगठन ऐसी व्यक्तियों को तलाश करते है जिसके मन में देश के खिलाफ अक्रोश की भावना हो और उन्हें ' ब्रेन वाश ' कर देश के खिलाफ कर देते है जो कई खतरनाक अंजाम को बढावा देते है |
3. आतंकी वारदात में सफलता का कारण - किसी भी हमले को अंजाम देने के लिए पहले पूरी तयारी करते है व महीने भर योजना का जाल बिछा कर रखते है |हमला करने से पहले आतंकी सड़क से सौ मीटर या उससे अधिक अन्दर झोपडी बनाकर अस्थायी रूप से कंप लगाते है | बाद में मुख्य मार्ग में खोदकर बारूदी सुरंग बनाते है और विष्फोट करते है | जब भी जवान सवारी गाड़ी में मोर्चा बनाते है | जब तक जवानों को समझ में आता आतंकी उनपर हावी हो चुके होते है |आतंकी हर हमले की सफलता, विफलता का सूक्ष्म अवलोकन करते है ताकि भविष्य में घटना को बिना किसी चुक के सफल बना सके |
4. आतंकवाद का उदेश्य - आतंकवाद का प्रमुख उदेश्य समाज में भय, आतंक और दशहत फैलाकर अशुरक्षा की भावना पैदा करना तथा देश की प्रगति में बाधक बनना तथा अस्थिरता उत्पन्न करना है | इसके कारण उद्योग - धंधो तथा पर्यटन पर भी बुरा असर पड़ता है | जातिगत और धर्मगत भेदभाव में वृद्धि होती है | देश में तनाव बढता है, हिंसा एवं डकैती की घटनाएँ होती है | देश में बाहरी आक्रमण का खतरा बढता है |
5. भारत में आतंकवाद - देश में आतंकवादियों के पीछे निश्चित रूप से विदेशियों का हाथ है | विदेशी दिमाग सुनियोजित ढंग से हत्या और डकैती जैसे घिनौने कृत्य करवा रहा है, जिससे देश का विभाजन करवाने की उनकी साजिश पूरी हो सके | पडोसी और विकसित देश इस कार्य के लिए पानी की तरह पैसा बहा रहे है | वे आतंकवादियों को शरण, प्रशिक्षण, अस्त्र - शस्त्र तथा धन का लालच देकर आतंकवाद को बढावा दे रहे है | देश के गुमराह युवक यदि एक बार उनके चंगुल में फंस जाते है तो मुक्त नहीं हो पाते है | मुक्त होने के प्रयास में उन्हें अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ता है |
6. आतंकवाद को समाप्त करने का उपाय -
- देश में आतंकवादियों के अड्डे सफ़ेदपोश धूर्त नेताओं के सरंक्षण में सुरक्षित होते है, जो आतंकी संगठन को पैसा एवं अन्य सेवाएं उपलब्द करता है, उन्हें समाप्त किया जाय | सरकार को ऐसे धूर्त नेताओं पर नजर रखनी चाहिए और उनपर उचित कार्यवाही करना चाहिए |
- बेरोजगार गुमराह युवको को विश्वास में लिया जाए | सरकार बेरोगार युवाओं को ध्यान को देना चाहिए उनके लिए उचित रोजगार योजना लागू करनी चाहिए | ताकि उसके मन में देश के लिए अक्रोश की भावना न हो और वे चंद पैसो के लिए देश के खिलाफ अनुचित कार्य न करे |
- विद्रोहियों को कठोर दंड दिया जाय - भारत में न्याय व्यवस्था नरम माना जाता है यहाँ की कानून व्यवस्था कठोर नहीं है | इसीलिए यहाँ गुनाह करने वाले जरा भी हिचकिचाते नहीं है | इसलिए जो आतंक का साथ देते है उनके लिए कठोर दंड का प्रावधान करना चाहिए |
- यहाँ के अधिकारियों को आतंकवादियों के खिलाफ स्वतंत्र न्याय शक्ति नहीं मिल पाता , इसीलिए अधिकारियों को स्वतंत्र निर्णय लेने के अधिकार दिए जाय |
- अंतरास्ट्रीय सहयोग लेकर उन देशो के विरुद्ध जनमत तैयार किया जाय, जो आतंकवाद को बढावा दे रहे है |
- आतंकवादियों को शरण देने वाले व्यक्तियों के खिलाफ अभियोग लगाकर दण्डित किया जाय |
- अविकसित क्षेत्रो विकास की गति में वृद्धि की जाए ताकि वहां की जनता में देश के विकासशील धारा में जुड़ सके |
- देश के पिछड़ी हुई क्षेत्रो में जनजागरण का अभियान जोर सोर से चलाना चाहिए ताकि वहां की जनमत जागरुक हो सके और देश की एकता और अखंडता को मजबूत कर सके तथा उनके मन में देश प्रेम की भावना प्रबल हो सके और वे राष्ट्र को समृद्ध बनाने में अपना योगदान देने के लिए सज्ज हो |
- केंद्र व राज्य सरकार दोनो को मिलकर काम करना चाहिए | आतंकवाद को ख़त्म करने के लिए विभिन्न योजनायें तैयार करना चाहिए |
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