Unemployment problems in Hindi
Article : -
शिक्षित बेरोजगार की समस्या
रुपरेखा :-
1. प्रस्तावना
2. बेरोजगारी के प्रकार
3. बेरोजगारी के कारण
4. समस्या का निदान
5. उपसंहार
1. प्रस्तावना :- कार्य करने की इच्छा और योग्यता होते हुए भी उचित कार्य का न मिलना बेरोजगारी कहलाता है |भारत में बेरोजगारी की समस्या अति भयानक है | प्रतिवर्ष लाखो - करोड़ो की संख्या बेरोजगार होते जा रहे है |मजदूर गांव छोड़कर शहर की ओर प्रवास कर रहे है | शिक्षित लोग नौकरी की तलाश में चक्कर काटते रहते है | कई जोड़ी चप्पलें घिस जाने के बाद, रिश्वत, पैरवी आदि की जुगाड़ लगाने के बाद वे सभी नौकरी प्राप्त करते है | उसके बावजूद भी नौकरी इच्छानुसार या योग्यतानुसार नहीं मिल पाता |
नौकरी या रोजगारी के आभाव में कई लोग पागल सा हो जाते है, कई तो आत्महत्या तक कर लेते है और कई कुसंगति में पड़कर चोरी, डकैती, बटमारी की कुवृत्ति में फंस जाते है | बेचारे अभिभावक हतप्रभ है तो उनके पाल्यकुंठाग्रस्त | इस प्रकार भारत में बेरोजगारी की समस्या बहुत कस्त्दायी है |
2. बेरोजगारी के प्रकार :-
स्वरुप की दृष्टि से बेरोजगार तीन प्रकार के है - प्रथम अशिक्षित बेरोजगार जो प्रायः कारखानों, खेतो में काम करते है, दुसरे प्रशिक्षित व तकनीकी जानकारी वाले लोग, डॉक्टर, कारीगर आदि है और तीसरे लोग वो है जो शिक्षित लोग है, जो कला, विज्ञान, वाणिज्य में स्नातक है | भारत में बेरोजगारी के कई प्रकार है -
(1) ग्रामीण बेरोजगार - जिसमे ग्रामीणों को साल भर काम नहीं मिल पाता, कभी कभी ग्रामीणों में ज्यदा काम नहीं होने से कुछ महीने बेकार बैठना पड़ता है |
(2) औद्योगिक चक्रीय बेरोजगार - जिसमे मंदी के समय बेरोजगार रहना पड़ता है |
(3) प्रच्छन्न बेरोजगार - यह जहा कृषि होती है वहां पायी जाति है |
3. बेरोजगारी के कारण -
- जनसँख्या में वृद्धि के कारण प्रत्येक वर्ष लगभग 70 लाख से अधिक व्यक्ति नौकरी चाहने वालो की लिस्ट में जुड़ जाते है साधन की कमी के कारण इस जनसंख्या की आपूर्ति ढंग से नहीं हो पा रही है तथा जनसँख्या वृद्धि के उचित ज्ञान न होने दिन प्रति - दिन यह दर बढती जा रही है |
- विकास की धीमी गति - वैसे तो भारत यिक विकासशील देश है परन्तु यहाँ विकास अमेरिका , चाइना के दृष्टि से विकास धीमी गति से चल रही है साधनों का उचित उपयोग न होने से विकास गति क्षीण हो जाति है तथा भ्रष्टाचारी के वजह से आवश्यक जन को उचित लाभ नहीं मिल पाता जिससे गरीबी उत्कर्ष पर है |
- कुटीर एवं लघु उद्योगों की उपेक्षा से बेरोजगार और बढ गयी है - भारत में अन्य विकशित देशो की तुलना में कुटीर एवं लघु उद्योग पिछड़ी हुई है जिससे कारण पर्याप्त रोजगार के साधन उपलब्ध नहीं हो पाता
- भारतीय कृषि का पिछडापन - भारतीय कृषि अन्य देशो की तुलना में पिछड़ी हुई है यहाँ किसान अभी भी पुरानी प्रणाली का प्रयोग करते है जिससे यहाँ कृषि में उत्पादन कम होता है तथा यहाँ के अधिकतर जगह किसान वर्षा पे आश्रित होने के कारण साल में एक बार कृषि करते है जसिसे की पैदावार कम होता है | भारत में कुछ जगह नयी हरित क्रान्ति देखा जा सकता है जहा कृषि के नविन साधनों का प्रयोग होता है किन्तु यह अधिकतर भागो में इसका प्रभाव नही दिखता जिससे यहाँ की कृषि पिछड़ी हुई है |
- अनियोजित तथा दूषित सिक्षा प्रणाली - यहाँ शिक्षा प्रणाली व्यवसायिक एवं व्यवहारिक न होकर सैधांतिक है जिससे यहाँ के उद्योगों में कारखानों में उचित व्यक्ति प्राप्त नहीं होता | यहाँ की शिक्षा प्रणाली भष्टाचारी से ग्रसित है यहाँ के कई स्कूल, कॉलेजो में शिक्षा का व्यापार होता है शिक्षा के नाम पर यहाँ रकम की मोती गाड्डी वसूली जाति है और अव्यवस्थित शिक्षा प्रदान की जाति है जिससे बाहर के निगमनकार यहाँ के स्कूल कालेजो में इन्वेस्ट नहीं करते | जिसके कारण से यहाँ उचित शिक्षा का आभाव देखा जा सकता है |
- प्राकृतिक संसाधनों का पूर्ण उपयोग ना होना - भारत में प्राकृतिक साधनों का कमी नहीं है किन्तु यहाँ के साधनों का उपयोग पूर्ण रूप से नहीं हो पाता | कही कम तो कही ज्यादा |उचित उपयोग न होने से उद्योगों को कच्चा माल मुस्किल से प्राप्त होता है जिससे यहाँ लघु उद्योगों की कमी है जिससे यहाँ बेरोजगारी बढता जा रहा है |
- सम्पूर्ण भूमि का उपयोग न होना - यहाँ की अधिकतर भूमि कुछ के पास होता है जिससे इसका गरीब किसान उचित उपयोग नहीं कर पाता | जिससे यहाँ गरीबी और भुकमरी की दर बढती जा रही है
- दूषित राजनैतिक वातावरण - यहाँ की राजनीती में भ्रष्टाचारी अधिकायत रूप से देखि जा सकती है | जिससे की यहाँ के राजनेता विकास एवं समृधि में ध्यान नहीं देते जिससे यहाँ के क्षेत्र का पिछड़ापन बढता जा रहा है | जो बेरोजगारी के प्रमुख कारणों में से एक हो सकता है |
4. समस्या का निदान -
- हमें इस समस्या के निदान के लिए सर्वप्रथम जनसँख्या की बाड़ पर नियंत्रण लागन होगा | यह कार्य परिवार नियोजन को युद्ध स्तर पर किया जा सकता है | प्रत्येक परिवार में 1 या 2 बच्चे सही है ज्यादा जनसँख्या होने से परिवार में साधनों की उचित खपत नहीं होती | जिसपर हम सब को ध्यान देना चाहिए |
- कृषि को प्रत्येक योजना में सार्वाधिक महत्व देना होगा - इसके लिए बढ़िया सिंचाई, खाद, बीज, और यंत्रो की व्यवस्था तथा ठीक भूमि वितरण करना होगा |
- शिक्षा प्रणाली को व्यवसाय उन्मुख और व्यवहारिक बनाना होगा तथा नयी शिक्षा प्रणाली लाना होगा जिससे आधुनिक उद्योगों में कुशल कारीगरी की मांग पूरी हो सके |
- कुटीर तथा लघु उद्योग को प्रोत्साहन देना होगा जिससे बेरोजगारी की संख्या कम हो सके |
- इस बेरोजगार की समस्या के निवारण के लिए विभिन्न विकास कार्यक्रम आयोजित किये जाए |
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